क्या है आधार, सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया, होगा 30 जून से आधार अनिवार्य

केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में साफ कर दिया है कि 30 जून से आधार को अनिवार्य कर दिया जाएगा। केंद्र सरकार ने शुक्रवार को कोर्ट को बताया कि अलग-अलग समाज कल्याण योजनाओं का लाभ लेने के लिए आधार को अनिवार्य बनाने संबंधी 30 जून की समय सीमा आगे नहीं बढ़ाई जाएगी।

जस्टिस ए एम खानविलकर और जस्टिस नवीन सिन्हा की पीठ के सामने अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने कहा कि वेलफेयर स्कीम के लिए आधार को अनिवार्य बनाने का मकसद यही है कि इसका लाभ उन लोगों तक नहीं पहुंचे जो अस्तित्व में ही नहीं हैं, जैसा कि सार्वजनिक वितरण प्रणाली जैसी योजनाओं के मामले में पाया गया है।
उन्होंने केंद्र सरकार की विभिन्न अधिसूचनाओं को चुनौती देने और अंतरिम राहत का अनुरोध किए जाने पर भी आपत्ति की और कहा कि इस मामले को 5 सदस्यीय संविधान पीठ के सामने सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया जाना चाहिए। रोहतगी ने कहा कि इससे पहले भी इसी तरह की अंतरिम राहत के लिए याचिकाएं दायर की गईं थीं और वे मामले सुप्रीम कोर्ट के पास लंबित हैं.

क्या है आधार ?
आधार कार्ड भारत सरकार द्वारा भारत के नागरिकों को जारी किया जाने वाला पहचान पत्र है। इसमें 12 अंकों की एक विशिष्ट संख्या छपी होती है जिसे भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (भा.वि.प.प्रा.) जारी करता है। यह संख्या, भारत में कहीं भी, व्यक्ति की पहचान और पते का प्रमाण होगा। भारतीय डाक द्वारा प्राप्त और यू.आई.डी.ए.आई. की वेबसाइट से डाउनलोड किया गया ई-आधार दोनों ही समान रूप से मान्य हैं। कोई भी व्यक्ति आधार के लिए नामांकन करवा सकता है बशर्ते वह भारत का निवासी हो और यू.आई.डी.ए.आई. द्वारा निर्धारित सत्यापन प्रक्रिया को पूरा करता हो, चाहे उसकी उम्र और लिंग (जेण्डर) कुछ भी हो। प्रत्येक व्यक्ति केवल एक बार नामांकन करवा सकता है। नामांकन निशुल्क है। आधार कार्ड एक पहचान पत्र मात्र है तथा यह नागरिकता का प्रमाणपत्र नहीं है। UIDAI का अध्यक्ष नंदन निलेकणि को बनाया गया है। UIDAI का लक्ष्य आगामी चार बर्षो में 60करोङ लोगो का `आधार नंबर ` जारी करने का है।

आधार कार्ड के लाभ
आधार संख्या प्रत्येक व्यक्ति की जीवनभर की पहचान है।
आधार संख्या से आपको बैंकिंग, मोबाईल फोन कनेक्शन और सरकारी व गैर-सरकारी सेवाओं की सुविधाएं प्राप्त करने में सुविधा होगी।
किफायती तरीके व सरलता से ऑनलाइन विधि से सत्यापन योग्य।
सरकारी एवं निजी डाटाबेस में से डुप्लिेकेट एवं नकली पहचान को बड़ी संख्या में समाप्त करने में अनूठा एव ठोस प्रयास।
एक क्रम-रहित (रैण्डम) उत्पन्न संख्या जो किसी भी जाति, पंथ, मजहब एवं भौगोलिक क्षेत्र आदि के वर्गीकरण पर आधारित नहीं है।

क्रम संख्या आधार निम्नलिखित है आधार निम्नलिखित नहीं है
१ आधार एक 12 अंकों की प्रत्येक भारतीय की एक विशिष्ट पहचान है (बच्चों सहित) मात्र एक अन्य कार्ड।
२ भारत के प्रत्येक निवासी की पहचान है प्रत्येक परिवार के लिए केवल एक आधार कार्ड काफी है।
३ डेमोग्राफिक और बायोमेट्रिक के आधार पर प्रत्येक व्यक्ति की विशिष्ट पहचान सिद्ध करता है। जति, धर्म और भाषा के आधार पर सूचना एकत्र नहीं करता।
४ यह एक स्वैच्छिक सेवा है जिसका प्रत्येक निवासी फायदा उठा सकता है चाहे वर्तमान में उसके पास कोई भी दस्तावेज हो। प्रत्येक भारतीय निवासी के लिए अनिवार्य है जिसके पास पहचान का दस्तावेज हो।
५ प्रत्येक व्यक्ति को केवल एक ही विशिष्ट पहचान आधार नम्बर दिया जाएगा। एक व्यक्ति मल्टीपल पहचान आधार नम्बर प्राप्त कर सकता है।
६ आधार वैश्विक इन्फ्रास्ट्रक्चर पहचान प्रदान करेगा जो कि राशन कार्ड, पासपोर्ट आदि जैसी पहचान आधारित एप्लीकेशन द्वारा भी प्रयोग में लाया जा सकता है। आधार अन्य पहचान पत्रों का स्थान लेगा।
७ यू.आई.डी.ए.आई., किसी भी तरह के पहचान प्रमाणीकरण से संबंधित प्रश्नों का हां/न में उत्तर देगा। यू.आई.डी.ए.आई. की सूचना पब्लिक और प्राइवेट एजेंसियां ले सकेंगी।

आधार कार्ड की आवश्यकता और उपयोग
आधार कार्ड अब सभी चीजों के लिए जरूरी होता जा रहा है। पहचान के लिए हर जगह आधार कार्ड मांगा जाता हैं। आधार कार्ड के महत्व को बढाते हुए भारत सरकार ने बड़े फैसले लिए हैं जिसमें आपके पास आधार कार्ड नहीं है तो वह काम होना मुश्किल होगा। इस कार्ड को कोई और इस्तमाल नहीं कर सकता है, जबकि राशनकार्ड समेत कई और दूसरे प्रमाण पत्र के साथ कई तरह कि गड़बड़ियाँ हुई है और होती रहती है।
पासपोर्ट जारी करने के लिए आधार को अनिवार्य कर दिया गया है।
जनधन खाता खोलने के लिये
एलपीजी की सबसीडी पाने के लिये
ट्रेन टिकट में छूट पाने के लिए
परीक्षाओं में बैठने के लिये (जैसे आईआईटी जेईई के लिये)
बच्चों को नर्सरी कक्षा में प्रवेश दिलाने के लिये
डिजिटल जीवन प्रमाणपत्र (लाइफ सर्टिफिकेट) के लिए आधार जरूरी
बिना आधार कार्ड के नहीं मिलेगा प्रविडेंट फंड
डिजिटल लॉकर के लिए आधार जरूरी
सम्पत्ति के रजिस्ट्रेशन के लिए भी आधार कार्ड जरूरी कर दिया गया है।
छात्रों को दी जाने वाली छात्रवृत्ति भी आधार कार्ड के जरिए ही उनके बैंक में जमा करवाई जाएगी।
सिम कार्ड खरीदने के लिये
आयकर रिटर्न : आयकर विभाग करदाताओं को आधार कार्ड के जरिए आयकर रिटर्न को ई-जाँच करने की सुविधा देता है।

नामांकन
इस परियोजना में २६ नवम्बर २०१६ तक 108 करोड़ आधार संख्याएँ प्रदान की जा चुकी हैं।
रैंक प्रदेश / के॰शा॰प्र॰ जनसंख्या जारी किये गये आधार जनसंख्या का %
भारत 1210601445 1081564541 89.34%
1 उत्तर प्रदेश 19,95,81,477 16,64,97,469 83.42%
2 महाराष्ट्र 11,23,72,972 10,96,93,975 97.62%
3 बिहार 10,38,04,637 7,96,16,691 76.70%
4 पश्चिम बंगाल 9,13,47,736 7,88,29,326 86.30%
5 मध्य प्रदेश 7,25,97,565 6,91,19,394 95.21%
6 तमिलनाडु 7,21,38,958 6,62,00,367 91.77%
7 राजस्थान 6,86,21,012 6,12,86,027 89.31%
8 कर्नाटक 6,11,30,704 5,84,94,986 95.69%
9 गुजरात 6,03,83,628 5,49,52,166 91.01%
10 आन्ध्र प्रदेश 4,93,86,799 5,05,08,518 102.27%
11 तेलंगणा 3,52,86,757 3,78,06,392 107.14%
12 उड़ीसा 4,19,47,358 3,64,91,104 86.99%
13 केरल 3,33,87,677 3,45,36,758 103.44%
14 झारखण्ड 3,29,66,238 3,32,94,529 101.00%
15 पंजाब 2,77,04,236 2,94,41,533 106.27%
16 हरियाणा 2,57,53,081 2,70,57,093 105.06%
17 छत्तीसगढ़ 2,55,40,196 2,60,66,856 102.06%
18 दिली 1,67,53,235 2,03,96,668 121.75%
19 उत्तराखण्ड 1,01,16,752 95,93,389 94.83%
20 जम्मू और कश्मीर 1,25,48,926 87,49,098 69.72%
21 हिमाचल प्रदेश 68,56,509 72,35,634 105.53%
22 त्रिपुरा 36,71,032 36,19,342 98.59%
23 मणिपुर 27,21,756 19,02,507 69.90%
24 असम 3,11,69,272 18,61,754 5.97%
25 गोवा 14,57,723 14,82,373 101.69%
26 पुद्दुचेरी 12,44,464 12,75,878 102.52%
27 चण्डीगढ़ 10,54,686 11,14,953 105.71%
28 नागालैण्ड 19,80,602 11,22,069 56.65%
29 अरुणाचल प्रदेश 13,82,611 9,13,967 66.10%
30 सिक्किम 6,07,688 5,91,844 97.39%
31 मिजोरम 10,91,014 5,57,170 51.07%
32 अण्डमान एवं निकोबार द्वीपसमूह 3,79,944 3,89,619 102.55%
33 दादरा और नगर हवेली 3,42,853 3,45,714 100.83%
34 दमन और दिउ 2,42,911 2,03,873 83.93%
35 मेघालय 29,64,007 2,48,368 8.38%
36 लक्षद्वीप 64,429 67,137 104.20%

प्रमाणीकरण (Authentication)
२६ नवम्बर २०१६ तक,107 करोड़ आधार संख्याएं प्रमाणीकृत हो चुकी हैं।