ब्राह्मी एक दिव्य औषधी

ब्राह्मी (वानस्पतिक नाम : Bacopa monnieri) का एक औषधीय पौधा है जो भूमि पर फैलकर बड़ा होता है। इसके तने और पत्तियाँ मुलामय, गूदेदार और फूल सफेद होते है। यह पौधा नम स्‍थानों में पाया जाता है, तथा मुख्‍यत: भारत ही इसकी उपज भूमि है।

इसे भारत वर्ष में विभिन्‍न नामों से जाना जाता है जैसे हिन्‍दी में सफेद चमनी, संस्‍कृत में सौम्‍यलता, मलयालम में वर्ण, नीरब्राम्‍ही, मराठी में घोल, गुजराती में जल ब्राह्मी, जल नेवरी आदि तथा इसका वैज्ञानिक नाम बाकोपा मोनिएरी है।

ब्राह्मी
वैज्ञानिक वर्गीकरण
जगत: पादप
अश्रेणीत: एंजियोस्पर्म
अश्रेणीत: एकबीजपत्री
अश्रेणीत: एस्टरिड्स
गण: लामेयालेज़​
कुल: प्लान्टेजिनेसी
वंश: en:Bacopa
जाति: B. monnieri
द्विपद नाम
Bacopa monnieri
L. Pennell
पर्यायवाची
Bacopa monniera
Bramia monnieri (L.) Pennell
Gratiola monnieria L.
Herpestes monnieria (L.) Kunth
Herpestis fauriei H.Lev.
Herpestis monniera
Herpestris monnieria
Lysimachia monnieri L.
Moniera euneifolia

ब्राह्मी का पौधा

ब्राह्मी का पौधा

यह पूर्ण रूपेण औषधीय पौधा है। यह औषधि नाडि़यों के लिये पौष्टिक होती है, दुनिया मे इसे सर्वाधिक प्रभावी बुद्धिवर्धक औषधि के रूप में मान्य किया गया है । यह ब्रेन की नाड़ियों को सक्षम व सक्रिय बनाती है।

कब्‍ज को दूर करती है। इसके पत्‍ते के रस को पेट्रोल के साथ मिलाकर लगाने से गठिया दूर करती है।

ब्राह्मी में रक्‍त शुद्ध करने के गुण भी पाये जाते है। यह हृदय के लिये भी पौष्टिक होता है।

 

सेहत/स्वास्थ्य के लिए ब्राह्मी के फायदे – Health Benefits of Brahmi 

प्राचीन काल से चिकित्सा के क्षेत्र में ब्राह्मी जड़ी बूटी का उपयोग किया जा रहा है। इसके तमाम गुणों का ही परिणाम है कि वैज्ञानिक निरंतर शोध कर रहे हैं। साइंटिस्ट यह जानने में जुटे हैं कि मानव स्वास्थ्य के लिए और किस-किस प्रकार से ब्राह्मी के फायदे मिल सकते हैं। यहां हम बता रहे हैं कि ब्राह्मी किस प्रकार हमें स्वस्थ रखने में कारगर है।

1. अल्जाइमर

ब्राह्मी में एंटीऑक्सीडेंट, एंटी-इंफ्लेमेटरी व एंटीकॉन्वेलसेंट गुण हाेते हैं। ये गुण मस्तिष्क की कार्यक्षमता में सुधार करते हैं, साथ ही मिर्गी, अनिद्रा और चिंता को दूर करने में कारगर हो सकते हैं। इसके अलावा, ब्राह्मी में मौजूद ये गुण अल्जाइमर यानी याददाश्त कमजोर होने की बीमारी को भी दूर करने में सहायक हो सकते हैं ।

2. रक्त संचार के लिए ब्राह्मी चूर्ण

ब्राह्मी में पाया जाने वाला नाइट्रिक ऑक्साइड रक्तचाप के खतरे को कम करता है। साथ ही रक्त को पतला भी करता है, जिससे नसों में रक्त का प्रवाह आसानी से हो सकता है ।

3. चिंता को दूर करे

ब्राह्मी जड़ी-बूटी चिंता और तनाव को कम करने में मदद कर सकती है। इसे एक एडाप्टोजेनिक जड़ी-बूटी माना जाता है यानी यह शरीर के तनाव को दूर करने में कारगर हो सकती है

4. कैंसर के लिए ब्राह्मी के गुण

5. दर्द में ब्राह्मी तेल के फायदे

ब्राह्मी को दर्द निवारक के रूप में भी उपयोग किया जा सकता है। इसमें पाया जाने वाला एंटीनोसिसेप्टिव गुण इसे दर्द निवारक औषधि के रूप में पेश करता है। इस गुण के कारण ब्राह्मी को न्यूरोपैथिक दर्द की स्थिति में इलाज के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है

6. प्रतिरक्षा प्रणाली में सुधार

ब्राह्मी प्राकृतिक रूप से आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ाने में मदद कर सकती है। ब्राह्मी का सेवन करने से शरीर को मजबूत तो मिलती ही है, साथ ही इसमें मौजूद एंटीऑक्सिडेंट गुण के कारण प्रतिरक्षा प्रणाली भी बेहतर होती है। इस कारण शरीर विभिन्न प्रकार की बीमारियों का सामना कर सकता है

7. शुगर को नियंत्रित करने में ब्राह्मी के फायदे

ब्राह्मी में एंटीऑक्सीडेंट के साथ-साथ एंटीडायबिटिक गुण भी पाए जाते हैं। यही कारण है कि ब्राह्मी शुगर को नियंत्रित कर सकती है। साथ ही इसमें एंटीहाइपरग्लाइसेमिक गुण भी पाया जाता है, जिस कारण टाइप 2 डायबिटीज में ब्राह्मी के सकारात्मक प्रभाव देखे गए हैं

8. पाचन तंत्र को मजबूत करे ब्राह्मी जड़ी बूटी

ब्राह्मी विटामिन और मिनरल का अच्छा स्राेत है । इसमें मौजूद फाइबर आंतों में से हानिकारक पदार्थों को साफ करके पाचन तंत्र को मजबूत करता है। साथ ही पाचन प्रणाली को धीमा कर भरपूर ऊर्जा प्रदान करता है और मल की मात्रा को बढ़ाता है

9. मिर्गी के लिए ब्राह्मी के उपचार

आयुर्वेद में ब्राह्मी का उपयोग सदियों से नर्व टॉनिक के रूप में जैविक और कार्यात्मक नर्वस सिस्टम के विकारों को दूर करने के लिए किया जाता रहा है। वहीं, अगर मिर्गी की बात करें, तो कई आयुर्वेदिक दवा का इस्तेमाल किया जाता है, जिसमें एंटीपीलेप्टिक (मिर्गी को ठीक करने की दवा) गुण पाया जाता है। इस मेंटट नामक दवा में ब्राह्मी भी शामिल है। ऐसे में हम कह सकते हैं कि ब्राह्मी के सेवन से इस रोग को दूर किया जा सकता है और बीमारी के दौरान भी इसका उपयोग करने से फायदा हो सकता है।

10. सांस संबंधी स्वास्थ्य के लिए ब्राह्मी के फायदे

ब्राह्मी का अर्क या जूस एंटीऑक्सीडेंट और एडेप्टोजेनिक से समृद्ध होता है, जिसके प्रभाव से ब्राह्मी ब्रोंकाइटिस और अस्थमा जैसी बीमारी को दूर करने में कारगर हो सकती है। ब्रोंकाइटिस में श्वासनली में जलन और सूजन होती है, जिस कारण सांस लेने में तकलीफ हो सकती है

11. एंटीऑक्सीडेंट ब्राह्मी जड़ी बूटी

ब्राह्मी को एंटीऑक्सीडेंट का अच्छा स्रोत माना गया है। अपने इस एंटीऑक्सीडेंट गुण के कारण ही ब्राह्मी शरीर में ऑक्सिडेटिव स्ट्रेस को कम कर सकती है। साथ ही यह ऑक्सिडेंट के हानिकारक प्रभावों को भी कम करने में कारगर हाे सकती है ।

12. मानसिक क्षमता बढ़ाने में मददगार

ब्राह्मी को प्राकृतिक एंटीऑक्सीडेंट के रूप में जाना जाता है, जो मस्तिष्क के विकास में न्यूरोप्रोटेक्टिव भूमिका निभा सकता है। इसका उपयोग मानसिक क्षमता बढ़ाने के लिए किया जाता है। यह एकाग्रता, समझ, ज्ञान और सतर्कता को बढ़ाने में मदद करता है

13. अन्य बीमारियों में ब्राह्मी के उपचार

इस अद्भुत जड़ी-बूटी का उपयोग अस्थमा और ब्रोंकाइटिस जैसी सांस संबंधी समस्याओं के साथ-साथ मिर्गी के इलाज में भी किया जा सकता है । इसका उपयोग मूत्र मार्ग के संक्रमण, उच्च रक्तचाप, रक्त के रोग, गठिया व हेपेटाइटिस के उपचार के लिए भी किया जा सकता है। इसमें एंटीबायोटिक व एंटिफंगल गुण भी मौजूद होते हैं, जो घावों को भरने में उपयोगी माने जाते हैं ।

14. मूत्रवर्धक ब्राह्मी चूर्ण

ब्राह्मी में कई औषधीय गुण पाए जाते हैं, जो हमारे स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद हो सकते हैं। इन्हीं गुणों में से मूत्रवर्धक भी इसका एक गुण है , जो शरीर में मौजूद अतिरिक्त पानी को निकाल कर वॉटर रिटेंशन, किडनी स्टोन व अन्य बीमारियों से छुटकारा दिलाने में कारगर हो सकता है।

स्वास्थ के बाद त्वचा के लिए ब्राह्मी के फायदों के बारे में जानते हैं।

त्वचा के लिए ब्राह्मी के फायदे – Skin Benefits of Brahmi 

1. एस्ट्रिंजेंट के रूप में

ब्राह्मी में एस्ट्रिंजेंट गुण पाया जाता है , जो त्वचा के लिए फायदेमंद होता है। कई सौंदर्य प्रसाधनों में एस्ट्रिंजेंट का इस्तेमाल किया जाता है। एस्ट्रिंजेंट त्वचा के रोम छिद्राें को साफ करके, अतिरिक्त तेल को हटाने का काम करता है ।

कैसे करें उपयोग :
  • ब्राह्मी के अर्क को गुलाब जल के साथ मिलाकर चेहरे पर लगाएं।
  • फिर 5 मिनट के बाद इसे पानी से धो लें।

2. झुर्रियों को दूर करे

ब्राह्मी के अंदर पाए जाने वाले पेंटासाइक्लिक ट्राइटरपीन का उपयोग आमतौर पर एंटी रिंकल यौगिक के रूप में किया जाता है , जो चेहरे की झुर्रियों को दूर कर चेहरे को स्वस्थ बनाने में मदद कर सकते हैं। साथ ही इसमें पाया जाने वाला एंटीऑक्सीडेंट गुण , फ्री रेडिकल्स से लड़ने और त्वचा को स्वस्थ बनाए रखने में मदद करने के साथ-साथ झुर्रियों व सूजन को कम कर सकता है 

कैसे करें उपयोग :
  • आप ब्राह्मी चूर्ण को पानी के साथ मिलाकर पेस्ट बना लें।
  • फिर आप इसे चेहरे पर फेसपैक की तरह इस्तेमाल करें।

3. एंटीसेप्टिक के रूप में

ब्राह्मी के उपचार एंटीसेप्टिक के रूप में भी किए जाते हैं। इसमें मौजूद एंटीमाइक्रोबियल गुण कोलेजोन को बढ़ाकर त्वचा को चमकदार और स्वस्थ बनाने के साथ ही त्वचा के रूखेपन, ढीलेपन और झुर्रियाें से छुटकारा दिलाने में मदद कर सकते हैं

कैसे करें उपयोग :
  • ब्राह्मी के तेल की कुछ बूंदें हल्दी और गुलाब जल के साथ मिलाकर चेहरे पर लगाएं।
  • कुछ देर के बाद चेहरे को ठंडे पानी से धो लें।

त्वचा के बाद अब जानते हैं कि बालों के विकास के लिए ब्राह्मी का उपयोग कैसे किया जा सकता है।

बालों के लिए ब्राह्मी के फायदे – Hair Benefits of Brahmi 

प्राचीन काल से ही औषधि के रूप में ब्राह्मी के गुण के कारण इसका उपयोग कई समस्याओं के समाधान के रूप में होता रहा है। आगे हम जानेंगे कि बालों की समस्या को दूर करने के लिए इसका इस्तेमाल कैसे कर सकते हैं।

1. बालों को झड़ने से रोके

ब्राह्मी में पाया जाने वाला एंटीऑक्सीडेंट गुण बालों को झड़ने से रोकने में कारगर हो सकता है। साथ ही यह खून के संचार को ठीक करता है, जिससे बालों की जड़ें मजबूत होती हैं

कैसे करें उपयोग :
  • ब्राह्मी, आंवला और भृंगराज को एक साथ पीसकर मिश्रण बना लें।
  • इस मिश्रण को रात भर तक एक लोहे की कड़ाही में रखें।
  • सुबह इस पेस्ट को अपने बालों पर 10 से 15 मिनट के लिए लगाएं।
  • ऐसा सप्ताह में दो बार करने से बालों का गिरना बंद हो जाता है।

2. बालों के विकास के लिए

ब्राह्मी तेल के फायदे बालों के विकास के लिए भी हैं। ब्राह्मी को विटामिन व मिनरल जैसे पोषक तत्वों का अच्छा स्राेत माना जाता है। साथ ही इसमें एंटीऑक्सीडेंट गुण भी होता है । इन्हीं पोषक तत्वों की वजह से ब्राह्मी का तेल बालों की जड़ों को मजबूती प्रदान करता है, साथ ही उनके विकास में भी मददगार साबित हो सकता है ।

कैसे करें उपयोग :
  • ब्राह्मी जड़ी बूटी के तेल से रोजाना बालों की मसाज करने से मजबूती और चमक के साथ उनके विकास में फायदेमंद हो सकता है।

स्वास्थ्य, त्वचा और बालों के फायदों में उपयोग के बाद अब ब्राह्मी के कुछ अन्य उपयोगों के बारे में जानते हैं।

ब्राह्मी का उपयोग – How to Use Brahmi

ब्राह्मी के कई सारे उपयोग हैं। इसे हम चाय के रूप में, पेस्ट के रूप में, काढ़े के रूप में साथ ही औषधि के रूप में भी उपयोग कर सकते हैं। इसके अलावा, इसके और भी उपयोग हैं, जैसे :

  • इस तेल को जोड़ों के दर्द व सिर दर्द में इस्तेमाल किया जा सकता है।
  • इसकी पत्तियों को पानी में उबाल कर काढ़े के रूप में भी इसका सेवन कर सकते हैं।
  • गर्दन और छाती पर लगाया जाने वाला ब्राह्मी पेस्ट खांसी और निमोनिया में बहुत उपयोगी है।
  • ब्राह्मी लेप (पेस्ट) सूजन को कम करने में मदद करता है।
  • पत्तियों का रस बच्चों में दस्त से राहत देने के लिए चिकित्सक की देखरेख में दिया जाता है।
  • ताजा ब्राह्मी की पत्तियों से बनी चाय में शहद मिलाकर पीने से दिमाग पर सकारात्मक असर होता है।

बाह्मी का सेवन कब कर सकते हैं :
ब्राह्मी से होने वाले फायदों का लाभ लेने के लिए इसका सेवन चाय, औषधि और काढ़ के रूप में कभी भी कर सकते हैं।

कितनी मात्रा में करें सेवन :
चाय बनाने के लिए ब्राह्मी की 5 से 7 पत्तियों का उपयोग कर सकते हैं, लेकिन पेस्ट आदि के लिए इसकी मात्रा इसके उपयोग पर निर्भर करती है।